घास उगाओ मच्छर भगाओ.
मच्छरों से अक्सर सभी परेशान रहते हैं। मच्छर के काटने से डेगूं, मलेरिया आदि खतरनाक बीमारियां होती हैं। हाल ही में डेगूं की बीमारी से सैकडों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हर वर्ष हजारों लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं। इन मच्छरों को भगाने के लिए लोग कई विकल्प अपनाते हैं जैसे अगरबत्ती जलाना, गांव में धुंए का प्रयोग करना, गुड नाइट आदि संसाधनों का प्रयोग करते हैं।
अब आपको हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों ने एक ऎसी घास का पता लगाया है जिसे देखकर मच्छर भाग जाते हैं यानि घर में यह घास उगाओगे तो मच्छर आपके घर के आसपास फटकेंगे नहीं। इस घास की विशेषता मच्छर भगाने की ही नहीं और भी कई बीमारियों में यह घास जन्मघूटी का काम करती है। कुदरत ने बीमारियों से बचाव के लिए हमें तमाम साधन आसपास ही उपलब्ध करवाए हैं।
हालांकि, कई बार हमें इन विकल्पों के बारे में पता नहीं होता है। इन्हीं विकल्पों में से एक है "लेमन ग्रास" जिसका इस्तेमाल "लेमन टी" के तौर पर किया जाता है। यही नहीं "लेमन ग्रास" के पौधों से मच्छर भी दूर भागते हैं। पूर्व मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान व जायका के सलाहकार एसके सिंह बताते हैं कि यदि घर में लान, गमले आदि हो तो उसमें "लेमन ग्रास" का पौधा आसानी से उगाया जा सकता है। मुख्य रूप से "लेमन ग्रास" का इस्तेमाल लेमन टी के तौर पर होता है, लेकिन यह भी देखा गया है कि इसकी सुगंध की वजह से मच्छर इसके आसपास नहीं फटकते हैं। यूं कहा जा सकता है कि यह पौधा स्वाद और स्वास्थ्य के लिहाज से तो लाभदायक होता ही है मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाने में भी सहायक होता है।
"लेमन ग्रास" का स्वाद नींबू की तरह होता है। इसकी कुछ पत्तियां तो़डकर केवल गर्म पानी, चाय पत्ती, चीनी के साथ उबाल कर "लेमन टी" तैयार की जाती है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह बहुत लाभदायक होती है। वन क्षेत्राधिकारी (वन अनुसंधान) मदन बिष्ट कहते हैं कि इसी तरह पह़ाडों पर लंबे समय से घरों में देवदार की लक़डी को रखने का चलन है।
अब आपको हैरानी होगी कि वैज्ञानिकों ने एक ऎसी घास का पता लगाया है जिसे देखकर मच्छर भाग जाते हैं यानि घर में यह घास उगाओगे तो मच्छर आपके घर के आसपास फटकेंगे नहीं। इस घास की विशेषता मच्छर भगाने की ही नहीं और भी कई बीमारियों में यह घास जन्मघूटी का काम करती है। कुदरत ने बीमारियों से बचाव के लिए हमें तमाम साधन आसपास ही उपलब्ध करवाए हैं।
हालांकि, कई बार हमें इन विकल्पों के बारे में पता नहीं होता है। इन्हीं विकल्पों में से एक है "लेमन ग्रास" जिसका इस्तेमाल "लेमन टी" के तौर पर किया जाता है। यही नहीं "लेमन ग्रास" के पौधों से मच्छर भी दूर भागते हैं। पूर्व मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान व जायका के सलाहकार एसके सिंह बताते हैं कि यदि घर में लान, गमले आदि हो तो उसमें "लेमन ग्रास" का पौधा आसानी से उगाया जा सकता है। मुख्य रूप से "लेमन ग्रास" का इस्तेमाल लेमन टी के तौर पर होता है, लेकिन यह भी देखा गया है कि इसकी सुगंध की वजह से मच्छर इसके आसपास नहीं फटकते हैं। यूं कहा जा सकता है कि यह पौधा स्वाद और स्वास्थ्य के लिहाज से तो लाभदायक होता ही है मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से बचाने में भी सहायक होता है।
"लेमन ग्रास" का स्वाद नींबू की तरह होता है। इसकी कुछ पत्तियां तो़डकर केवल गर्म पानी, चाय पत्ती, चीनी के साथ उबाल कर "लेमन टी" तैयार की जाती है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह बहुत लाभदायक होती है। वन क्षेत्राधिकारी (वन अनुसंधान) मदन बिष्ट कहते हैं कि इसी तरह पह़ाडों पर लंबे समय से घरों में देवदार की लक़डी को रखने का चलन है।
पहले चौखट आदि भी देवदार के ही बनाए जाते थे क्योंकि इसकी खुशबू से सर्प घर में प्रवेश नहीं करते हैं। इसी तरह सर्पगंधा होती है, जिसका इस्तेमाल उच्च रक्तचाप जैसी बीमारी की दवा बनाने में किया जाता है। यही नहीं सर्पगंधा के पौधों से सांप, बिच्छू भी दूर रहते हैं। वहीं "पाति" नामक पौधे के आसपास मच्छर, की़डे-मको़डे नहीं फटकते, जबकि आबादी में हाथी को आने से रोकने के लिए तीखी बंगाली मिर्च लगाई जाती है। -
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