Wednesday, September 14, 2016

Home Remedies for Chikunguniya


चिकुनगुनिया से राहत पाने के घरेलू उपाय


चिकुनगुनिया एक तरह का वायरल बुखार है जो कि मच्छरों (mosquito) के कारण फैलता है। चिकुनगुनिया अल्फावायरस (alphavirus) के कारण होता है जो मच्छरों के काटने के दौरान मनुष्यों के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
चिकुनगुनिया में जोड़ों में दर्द (joint pain), सिर दर्द (headache), उल्टी (vomit) और जी मिचलाने (nausea) के लक्षण उभर सकते हैं जबकि कुछ लोगों में मसूड़ों और नाक से खून (blood from gums and nose) भी आ जाता है। मच्छर काटने के लगभग बारह दिन में चिकुनगुनिया के लक्षण उभरते हैं। चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बहुत से घरेलू नुस्खे हैं जिन्हें अपनाकर चिकुनगुनिया से खुद को बचाया जा सकता है।
1. पपीते की पत्ती (Papaya leaf)
पपीते की पत्ती न केवल डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है। बुखार में शरीर के प्लेटलेट्स (platelates) तेजी से गिरते हैं, जिन्हें पपीते की पत्तियां तेजी से बढ़ाती हैं। मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें।
2. तुलसी और अजवायन (Tulsi aur ajwain)
तुलसी और अजवायन भी चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बेहद अच्छी घरेलू औषधि हैं। उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं।
3. लहसुन और सजवायन की फली (Garlic and drum stick)
लहसुन और सजवायन की फली चिकुनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है। चिकुनगुनिया में जोड़ों में काफी दर्द होता है, ऐसे में शरीर की मालिश किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए किसी भी तेल में लहसुन और सजवायन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें।
4. लौंग (Laung or clove)
दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें। इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा, और शरीर का तापमान (body temprature) भी नियंत्रित होगा।
5. एप्सम साल्ट (Epsom salt)
एप्सम साल्ट की कुछ मात्रा गरम पानी में डालकर उस पानी से नहाएं। इस पानी में नीम की पत्तियां भी मिलाएं। ऐसा करने से भी दर्द से राहत मिलेगी और तापमान नियंत्रित होगा।
6. अंगूर (Grapes)
अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ लेने पर चिकुनगुनिया के वायरस मरते हैं लेकिन ध्यान रहे अंगूर बीजरहित हों।
7. गाजर (Carrot)
कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता (immunity power) को बढ़ाती है साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है।

Tuesday, September 13, 2016

Homemade Candensed Milk

कंडेंस्ड मिल्क कैसे बनाया जाता है?



कंडेंस्ड मिल्क हर मीठी चीज़ में डाला जा सकता है जैसे गाजर का हलवा ,लौकी का हलवा ,खीर मिठाई  बनाने के लिए ,और एगलेस केक में भी इस्तेमाल करते किया जाता है इसे घर पर  अच्छे से कैसे बनाया जाता है आइये देखते हैं :-  



कंडेंस्ड मिल्क बनाने के लिये सामग्री -
दूध फुल क्रीम -500 ml
चीनी -1 कप
बेकिंग सोडा -1 पिंच (चुटकी)

कंडेंस्ड मिल्क  Condensed Milk बनाने की विधि -
सबसे पहले एक नॉन इस्टिक पैन को गैस पर रखें गैस ऑन करके दूध दाल दें दूध जब उबाल जाये तब फिर चीनी मिला दें और गाढ़ा होने तक बराबर चलाते रहिये चलाना बहुत जरुरी होता है दूध जब गाढ़ा हो जाये गैस को बन्द कर दें फिर बेकिंग सोडा डालकर बराबर चलाते रहिये ये बहुत ही क्रीमी लगेगा और जब ये ठण्डा हो जायेगा तो इसका कलर और भी अच्छा हो  जायेगा और फिर किसी बन्द जार या बन्द बॉक्स में भरकर फ्रिज में रख दें और दो तीन दिन तक मीठी चीज़ में डालकर इस्तेमाल करिये तो स्वीट कंडेंस्ड मिल्क घर पर बनाइये और हलवे या कोई भी मीठी चीज़ में डालकर खाइये  ।

Friday, August 5, 2016

Hariyali Teej ka Mehtev

हरियाली तीजHariyali Teej


हरियाली तीज श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। यह त्यौहार नाग पंचमी के दो दिन पहले मनाया जाता है। यह महिलाओं के मुख्य त्यौहारों में से एक है। इस दिन शिव- पार्वती जी की पूजा और व्रत का विधान है। शिव पुराण के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इसे छोटी तीज या श्रवण तीज के नाम से भी जाना जाता है।
हरियाली तीज
उत्तर भारतीय राज्यों में तीज का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। खास तौर पर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार की महिलाओं में विशेष उत्साह देखने को मिलता है। 
हरियाली तीज पूजा विधि (Hariyali Teej Puja vidhi in Hindi)
हरियाली तीज के दिन विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन स्त्रियों के मायके से श्रृंगार का सामान तथा मिठाइयां ससुराल में भेजी जाती है। हरियाली तीज के दिन महिलाएं प्रातः गृह कार्य व स्नान आदि के बाद सोलह श्रृंगार कर निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद विभिन्न प्रकार की सामग्रियों द्वारा देवी पार्वती तथा भगवान शिव की पूजा होती है। 
पूजा के अंत में तीज की कथा सुनी जाती है। कथा के समापन पर महिलाएं माता पार्वती से पति के लंबी उम्र की कामना करती है। इसके बाद घर में उत्सव मनाया जाता है तथा विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य किए जाते है। इस दिन झूला -झूलने का भी रिवाज है।
हरियाली तीज से जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्य (Facts of Hariyali Teej Puja in Hindi)
मान्यता है कि इस दिन विवाहित महिलाओं को अपने मायके से आए कपड़े पहनने चाहिए और साथ ही श्रृंगार में भी वहीं से आई वस्तुओं का प्रयोग करना चाहिए। अच्छे वर की मनोकामना से इस दिन अविवाहित कन्याएं भी व्रत रखती हैं। कई जगह इस दिन भगवान शिव और पार्वती जी का जुलूस भी निकाला जाता है। 

Thursday, July 28, 2016

Benefits Of Guava Leaves

अमरूद की पत्तियों के फायदे




अमरूद उन फलों में से एक है जिनमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है.

अमरूद खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमरूद की पत्त‍ियां भी कुछ कम नहीं होती हैं.
बालों में अमरूद की पत्तियों के इस्तेमाल से कई तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है. बालों का झड़ना, रूसी और दोमुंहे बालों की समस्या इन पत्त‍ियों के इस्तेमाल से दूर हो जाती है.

अगर आपके बच्चे के सिर में जुंएं हो गई हों तो भी आप अमरूद की पत्त‍ियों का इस्तेमाल कर सकते है. अमरूद की पत्तियां ठंडक देने का काम करती हैं. ऐसे में इनका बहुत अधिक इस्तेमाल आपको सर्दी दे सकता है. महीने में एकबार इसका इस्तेमाल करना फायदेमंद रहेगा. साथ ही इसके दूसरे फायदे भी हैं:
1. बालों का झड़ना रोकता है
अमरूद की पत्तियों के पानी से बाल धोने पर बालों का झड़ना कम हो जाता है. इस पानी से स्कैल्प की मसाज करना भी फायदेमंद रहेगा. इन पत्तियों में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो स्कैल्प को पोषण देता है.  
2. रूसी से आजादी
अमरूद की पत्त‍ियों को सुखाकर एक पाउडर बना लीजिए. इस पाउडर में थोड़ी सी मात्रा में पानी मिलाकर स्कैल्प पर लगाने से रूसी की समस्या दूर होती है. इस पेस्ट को 15 मिनट तक स्कैल्प पर लगा रहने दें. फिर गुनगुने पानी से साफ कर लें. 
3. दोमुंहे बालों के लिए
अगर आपके बाल दोमुंहें होते जा रहे हैं तो अमरूद की पत्त‍ियों का इस्तेमाल करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा. अमरूद की पत्तियों के पानी से बाल धोना फायदेमंद रहेगा. आप चाहें तो अमरूद की पत्त‍ियों का पेस्ट बनाकर दोमुंहे बालों पर लगा भी सकती हैं. ज्यादा फायदे के लिए इस पेस्ट में एक चम्मच शहद मिला लें.
4. जुंओं को मारने के लिए
सिर में जुंएं हो गई हैं तो अमरूद की पत्तियां आपके लिए फायदेमंद रहेंगी. हफ्ते में एक बार इसके रस से बालों को धोना फायदेमंद रहेगा.
5. ऑयली बालों के लिए
अगर आपके बाल बहुत ऑयली हैं तो अमरूद की पत्त‍ियां आपको राहत देंगी. गर्म पानी में अमरूद की कुछ पत्त‍ियों को 20 मिनट तक डुबाेकर रख दीजिए. इस पानी से ही बालों को धोएं. सिर में मौजूद एक्स्ट्रा तेल निकल जाएगा.

Friday, July 8, 2016

Benefits of Eating Waterelon

रसीले तरबूज के फायदें

एक ऐसा फल है जिस पर पानी की बूंद पड़ते ही वह तरोताजा हो जाता है और आप उसके रसीले स्वाद का मजा ले सकते हैं. जी हां हम बात कर रहे है ऊपर से हरे और अंदर से लाल के दिखने वाले रसीले तरबूज की. 

आपको लू जैसी ढ़ेरों बीमारियों से बचाने में एक ही फल कारगर है और वो है तरबूज. सबसे पहली और अहम बात यह है कि इसमे नामात्र कैलोरी होती है और इससे मोटापा तो बिल्कुल भी नहीं आता. आप सोच भी नहीं सकते की सिर्फ एक बड़ा सा तरबूज आपको ढेरों बिमारियों से बचा सकता है. 

तरबूज एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है. तरबूज के सेवन से कैंसर को बढ़ावा देने वाले टिश्यूज कोभी खत्म किया जा सकता है. गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाने यानी की पानी की कमी को दूर करने के लिए तरबूज का सेवन किया जाता है.

Tuesday, July 5, 2016

Some easy & Homemade Tips For Glowing Skin In Summer

गर्मियों में दमकती त्वचा पाने के आसान और घरेलू उपाय जरुर अपनाये : 



1. ककड़ी के रस में एक छोटा चम्मच गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा की रंगत बनी रहती है और ग्लो भी आता है।
2. टैनिंग के लिए दही में शहद या खीरे का रस मिलाकर चेहरे पर लगाना बहुत ही फायदेमंद होता है।
3. एक चम्मच शहद में अंडे की सफेदी मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद धो लें।
4. ड्राय स्किन के लिए बेसन में चुटकी भर हल्दी, शहद और ऑलिव ऑयल मिलाकर चेहरे पर लगाएं
5. टैनिंग मिटाने के लिए नींबू का रस भी बहुत कारगर होता है।
6. तरबूज, खीरे, खरबूजे के बीज को दूध में पीस लें। इसमें मलाई मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं और सूखने के बाद धो लें।
7. सरसों को पीस कर इसका लेप लगाना त्वचा की रंगत के साथ उसकी कोमलता को भी बनाए रखता है।
8. टमाटर, नींबू और शहद मिलाकर लगाने से भी त्वचा का ग्लो बना रहता है।



इन टिप्स को आजमाकर आपकी त्वचा दमकने लगेगी ।

Friday, July 1, 2016

Homemade Bread Crumbs & Croutons

Homemade Bread Crumbs & Croutons

Ingredients
  • ब्रेड
Instructions
ब्रेड क्रुटोंस को दो तरीकों से बनाया जा सकता है:
    पहली विधि में
    1. ब्रेड के छोटे चौकोर टुकड़े करें।
    2. उन टुकड़ो को डेढ़ मिनट के लिए 100% पॉवर पर माइक्रोवेव करें।
    3. हमारे ब्रेड क्रुटोंस बनकर तैयार हैं।
    दूसरी विधि में
    1. ब्रेड के छोटे चौकोर टुकड़े करें।
    2. एक थाली में टुकड़ो को सूरज की रोशनी में सूखने के लिए रखें।
    3. यह सूख जाने के बाद ब्रेड क्रुटोंस तैयार मिल जाएँगे।
    ब्रेड क्रम्बस या ब्रेड का चूरा बनाने की विधि:
    1. ब्रेड के छोटे चौकोर टुकड़े करें।
    2. एक मिक्सर ग्राइंडर जार ले और ब्रेड के टुकड़ों को हल्का सा पीस ले।
    3. ताजा ब्रेड क्रम्बस या ब्रेड का चूरा उपयोग करने के लिए तैयार है।
    4. आप इसे बर्गर, कटलेट, हॉटडॉग की टिकियाँ का आटा गूंधने के साथ साथ उन्हें कुरकुरा बनाने में भी उपयोग कर सकते हैं।
    Notes
    1.अगर आप ब्रेड क्रम्बस या ब्रेड का चूरा स्टोर करना चाहते हैं, तो इसे एयर टाइट बर्तन में फ्रीज में रखें और छह महीने के लिए इनका उपयोग करें।
    2.ब्रेड क्रुटोंस को सलाद या सूप में इस्तमाल करने से पहले थोड़ा घी या तेल में तल / सेक लें।

    क्रोटोन न सिर्फ सलाद और सूप की रंगत उभारता है बल्कि उनके स्वाद को एक नए मुकाम पर ले जाता हैं। इसे एक नाश्ते के रूप में भी खाया जा सकता है। कुछ व्यंजनों को कुरकुरा बनाने के लिए ताजा ब्रेड क्रुम्ब्स की आवश्यकता होती है।

    Sunday, June 5, 2016

    Paneer Sandwitch Kachori

    पनीर सैंडविच कचोरी 


    Ingredients
    • 10 स्लाइस सफेद ब्रेड या मल्टी ग्रेन ब्रेड के ( White Breads ).
    • 1 मध्यम आकार उबला हुआ आलू ( Boiled Potato ).
    • 100 ग्राम पनीर ( Paneer ).
    • 1 मध्यम आकार बारीक़ कटी हुई प्याज ( Onion ).
    • ½ मध्यम आकार बारीक़ कटा हुआ टमाटर ( Tomato ).
    • 2 बड़े चम्मच मक्खन ( Butter ).
    • 1 छोटा चम्मच मेडा ( Maida ).
    • ½ छोटा चम्मच गरम मसाला ( Garam Masala ).
    • ½ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर ( Red Chili Powder ).
    • 1.5 चम्मच तेल ( Oil ).
    • ½ छोटा चम्मच चीनी ( Sugar ).
    • नमक स्वाद अनुसार ( Salt ).
    • लाल चटनी और हरी चटनी परोसने के लिए ( Red Chutney and Green Chutney ).
    • छोटी कटोरी ब्रेड काटने के लिए ( Small Bowl ).
    Instructions
    1. पहले छोटी कटोरी की मदद से सभी ब्रेड स्लाइस को गोल आकर में काट लें, फिर हलके हाथों से इसे दबाएं ।
    2. मैदे में थोड़ा सा पानी मिलाकर गोंद बना लें ताकि ब्रेड के स्लाइस को अच्छी तरह से चिपका सकें और एक तरफ रख दें ।
    3. एक कढ़ाई में 1.5 छोटा चम्मच तेल गर्म करे, तेल गर्म होने के बाद उसमे बारीक़ कटी हुई प्याज़ डालें और इसे तब तक पकाएं जब तक यह सुनेहेरे रंग और कुरकुरी न हो जाए, इसे अच्छी तरह से चलाएं और एक एक बात का खास ध्यान रखें की मिश्रण सुखा होना चाहिए ।
    4. अब इसमें टमाटर डालें और अच्छी तरह से मिलाएं, अब इसमें लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, नमक, चीनी और आलू डालें और सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिलाएं ।
    5. आंच को बंद कर दें और आलू को चम्मच से दबाएं ताकि इसमें आलू के टुकड़े न बाकि रहे, अब इसमें पनीर डालें और अच्छी तरह से मिलाएं ।
    6. ब्रेड के 5 स्लाइस लें और सभी पे थोड़ा-थोड़ा मक्खन लगाएं, फिर थोड़ा मिश्रण हाथ में लें और इसे ऊपर दिखाए गए चित्र के अनुसार आकर दें और फिर इसे स्लाइस पर रखें ।
    7. सभी सैंडविच कचौरियों को इसी तरह से बनाएं ।
    8. मैदे से बने गोंद को ब्रेड के स्लाइस के कोनो पर लगाएं ताकि यह अच्छी तरह से आपस में चिपक जाए, एक स्लाइस पे थोड़ा मक्खन लगाएं और इसके कोनो पे भी गोंद लगाकर पहली स्लाइस पे रखें ।
    9. हलके हाथों से इसे दबाएं और कोनो को चिपका दें और उँगलियों से कोनो को बंद कर दें ।
    10. कुछ मिनटों के लिए कचोरियो को फ्रीज में रखे फिर इसे ओवन में पकाएंगे, अब सभी कचोरियो पे थोड़ा-थोड़ा मक्खन लगाएं और ओवन में रख दें 12-15 के लिए 230 सेल्सियस पर पकने के लिए ।
    11. -12 बाद चेक करें की यह कुरकुरी हुई या नहीं, 15 मिनट के बाद इसे बाहर निकल लें अब यह पूरी तरह से कुरकुरी और सुनेहेरे रंग की हो चुकी है ।
    12. इस खास पनीर सैंडविच कचोरी को लाल चटनी और हरी चटनी के साथ परोसें, आप चाहे तो इसे टमेटो केचप के साथ भी परोस सकते है ।

    Friday, June 3, 2016

    Manglori Achar

    लजीज मंगलोरी अचार बनाने की सरल विधि



    सामग्री :
    1 किलो छोटे-छोटे बिना गुठली पड़े कच्ची कैरी (कच्चे आम), पिसी लाल मिर्च 250 ग्राम, पिसी हल्दी दो चम्मच, हींग 5 ग्राम, सरसों 200 ग्राम, 200 ग्राम नारियल तेल, पानी 5 कप, नमक स्वादानुसार।

    विधि :
     
    * सबसे पहले आमों को धोकर कपड़े पर सुखा दीजिए। 

    * नमक को पानी में घोलकर खूब उबालिए। ठंडा होने पर छानकर बर्तन में रखिए। 

    * सारे आमों को नमक-पानी वाले इस बर्तन में डालिए। 

    * चार-पांच दिन ढंक कर रखिए। दिन में एक-दो बार हिलाइए। 

    * 4-5 दिन बाद आम थोड़े सिकुड़कर हरे से पीले हो जाएंगे। अब इन्हें निकालकर कपड़े पर सुखाइए। 

    * नमक के पानी को फिर से 5 मिनट उबालिए। ठंडा होने दीजिए। 

    * इस पानी से मिर्ची, हल्दी और हींग पीस लीजिए। 

    * सरसों अलग पीस लीजिए।

    * पिसे हुए दोनों मिश्रणों को आमों में मिलाकर बर्तन में भर दीजिए। 

    * अब नारियल तेल गरम कर हींग डालने के बाद ठंडा करिए। 

    * महीन सूती कपड़ा लेकर उसकी चार तह कर तेल में डुबोकर अचार पर ढंक दीजिए। तीन महीने बाद अचार का उपयोग कीजिए। यह अचार थोड़ा अलग बनता है। बनाने के बाद से 3 महीने के बाद खाने में ही मजा है। 

    नोट : ध्यान रहे कि तेल वाला कपड़ा हमेशा अचार पर ढंका रहना चाहिए। see more

    Sunday, May 15, 2016

    Chatpati Sabudana Chaat



    बनाएं चटपटी साबूदाना चाट...



    सामग्री : 
     
    200 ग्राम साबूदाना, 1/2 प्याला मूंगफली दाने, 3 बड़े आलू, 150 ग्राम पनीर, 2 हरी मिर्च, 1/3 छोटा चम्मच नमक, 1/2 छोटा चम्मच लाल मिर्च पावडर, 1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च पावडर, 1/2 छोटा चम्मच जीरा, 3 बड़े चम्मच तेल।
     
    विधि : 
     
    * चाट बनाने से आधा घंटे पहले साबूदाना को पानी में भिगो दें। 
     
    * मूंगफली दाने साफ करके उन्हें तल कर रख लें। 
     
    * आलू छीलकर टुकड़े कर लें। 
     
    के भी छोटे टुकड़े कर लें। 
     
    * आलू-पनीर दोनों को हल्का-हल्का तल लें। 
     
    * एक कड़ाही में तेल गरम करके इसमें जीरे का छौंक लगा दें। 
     
    * जीरा भून जाने पर साबूदाना डालें। 
     
    * धीमी आंच पर इसे थोड़ी देर भूनते रहें। 
     
    * अब भुने हुए साबूदाने में तले हुए आलू, पनीर व तले हुए मूंगफली दाने डालें। 
     
    * अब नमक, मिर्च व बारीक कटी हरी मिर्च डाल दें और अच्छी तरह से हिलाएं। 
     
    * आंच बंद कर दें और ऊपर से हरा धनिया बुरका कर नींबू के साथ साबूदाना चाट पेश करें।see more

    Saturday, May 14, 2016

    Icecream Shake

    कूल-कूल रंगबिरंगा आइस्क्री‍म शेक..



    सामग्री :
    4 छोटी कटोरी आइस्क्रीम, दूध 4 प्याले, पाइनापल ज्यूस आधा प्याला, चीनी एक प्याला, एक छोटा पैकेट रंग-बिरंगी चॉकलेट बॉल्स, क्रीम आधा प्याला, वेनिला सत आधा छोटा चम्मच, हरा व लाल रंग एक-एक बूंद, कुटी बर्फ आवश्यकतानुसार।
     
    विधि :
    सबसे पहले दूध, चीनी व वेनिला को मिक्सी में पीसकर उसमें क्रीम व ज्यूस मिला दें। कुल मिश्रण के 3 भाग करें। 
     
    एक भाग में हरा रंग, दूसरे में लाल तथा तीसरा यूं ही छोड़ दें। अब 6 गिलासों में इस मिश्रण को भरें। ऊपर से कुटी हुई बर्फ थोड़ी-थोड़ी डालें। 3-4 रंगीन बॉल प्रत्येक गिलास में डालें। ऊपर से आइस्क्रीम डालें और चम्मच से थोड़ा-सा मिलाकर पेश करें। 

     

    Thursday, May 12, 2016

    Muskmelon Milk shake

    समर स्पेशल : तरावटी खरबूजा मिल्क शेक



    सामग्री : पका मीठा खरबूजा, ठंडा दूध, शक्कर। 

    विधि : खरबूजा छीलकर छोटे-छोटे टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को मिक्सर में डालकर उसका पल्प बनाइए।
    चार बड़े चम्मच खरबूजे का पल्प, पाव गिलास दूध और स्वादानुसार शक्कर मिलाकर मिक्सर में दो मिनट तक अच्छी तरह से घुमाइए, ताकि उस पर झाग आ जाए। 


    अब तरावटी तरावटी खरबूजा मिल्क शेक गिलासों में भरकर पेश करें। चाहें तो ऊपर से आइस क्यूब डाल सकते है। 

    Tuesday, May 3, 2016

    Garam Pani Peene Ke Laabh

    गर्म पानी के शारीरिक लाभ | Garam Paani ke Sharirik Laabh

    गर्म पानी के शारीरिक लाभ
    • सामान्य पानी (Normal Water) शरीर की प्यास दूर करता है तो गर्म पानी शरीर से अनेकों रोगों को बाहर निकालने की सामर्थ्य रखता है । गर्म व कुनकुने पानी का सेहत के साथ बहुत पुराना सम्बन्ध है । गर्म पानी के नित्य नियमबद्ध तरीके से सेवन करने से शरीर को रोगानुसार निम्न प्रकार से लाभ मिलते है-
      त्वचा के रुखेपन की समस्या को दूर कर चिकनी व चमकदार त्वचा हासिल करने के लिये एक ग्लास गर्म पानी रोजाना पीएं ।
    • गर्म पानी पीने से शरीर के सभी विषैले तत्व शरीर से बाहर हो जाते हैं । (Hot Water Removes all poison in the stomach)
    • सुबह खाली पेट और रात्रि भोजन के बाद एक-एक गिलास गर्म पानी पीते कुछ समय लगातार पीने से पाचन सम्बंधी दिक्कतें दूर हो जाती हैं और कब्ज व गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती ।
    • भूख की कमी, भोजन में अरुचि और पेट में भारीपन जैसी समस्या दिखाई दे तो एक गिलास गर्म पानी में एक निंबू का रस, चाय का आधा चम्मच (2ग्राम) काली मिर्च पावडर और स्वादानुसार थोडा सा नमक डालकर पीने से कुछ ही समय में पेट का भारीपन दूर होकर खुलकर भूख लगना प्रारम्भ हो जाती है ।
    • खाली पेट गर्म पानी पीने से सीने की जलन दूर होने के साथ मूत्र सम्बन्धी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं ।
      वात से उत्पन्न सभी रोगों जैसे जोडों का दर्द, शरीर के किसी भी हिस्से में गैस के कारण उत्पन्न दर्द दूर करनें में गर्म पानी का सेवन अमृत के समान उपयोगी है ।
      गर्म पानी के नियमित सेवन से शरीर का तापमान बढता है जिससे पेशाब व पसीने के माध्यम से शरीर के सारे जहरीले तत्व आसानी से शरीर से बाहर निकलते रहते हैं । इसके माध्यम से रक्त संचार (ब्लड सर्क्युलेशन) सुचारु बना रहता है ।
    • बुखार में प्यास लगने पर रोगी को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिये सिर्फ गर्म पानी ही पीना चाहिये । बुखार में गर्म पानी ही शरीर के लिये अधिक उपयोगी होता है ।
      पेट की अधिकांश बीमारियां दूषित जल के कारण ही उत्पन्न होती है । यदि पानी को गर्म करने के बाद ठंडा करके पीने की आदत बना ली जावे तो पेट की अधिकांश बीमारियां शरीर में पनपने ही नहीं पाएगी ।
    • गर्म पानी शरीर में शक्ति का संचार करता है । इसके प्रयोग से कफ व सर्दी से सम्बन्धित सभी रोग दूर हो जाते हैं ।
      दमा, हिचकी व खराश जैसे रोगों के समाधान हेतु गर्म पानी का उपयोग करने के साथ ही तले-भुने पदार्थों के सेवन के बाद भी गर्म पानी पी लेना शरीर के लिये उचित रहता है
      सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस ( Hot Water mix with lemon Juice) मिलाकर पीने से शरीर को पर्यापत मात्रा में विटामिन सी की पूर्ति होती रहती है । गर्म पानी के साथ नींबू का संयोजन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है व शरीर का पी. एच. स्तर भी इससे सही बना रहता है ।
    • रोजाना एक गिलास गर्म पानी सिर के सेल्स के लिये उत्तम टानिक का कार्य करता है ।
      वजन घटाने के लिये भी गर्म पानी महुत मददगार होता है । भोजन के एक घंटे बाद गर्म पानी पीने से शरीर का मेटाबालिज्म बढता है । यदि गर्म पानी में थोडा नींबू और शहद मिलाकर इसे मुँह में घुमाते हुए पिया जावे तो इससे वजन संतुलित होकर मोटापा दूर होता है ।
      हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिये गर्म पानी का नियमित सेवन सदैव एक बेहतरीन औषधि के रुप में मददगार साबित होता है ।
    • पानी पीने की सही विधि- ( Drink Water in the Correct Way)
      1. प्रातः उठकर 2-3 गिलास सामान्य तापमान का या गुनगुना पानी पीना चाहिये । इससे मोटापा, कब्ज, त्वचा, रक्तचाप जैसी शारीरिक समस्याओं से मुक्ति पाने में सहायता मिलती है. यही पानी उषापान कहलाता है ।
      2. पानी हमेशा घूंट-घूंट करके व बैठकर पीना चाहिये क्योंकि इससे लार का निर्माण होता है । हमारे पेट में भोजन को पचाने के लिये अम्ल होता है व मुँह में जो लार होती है वह क्षार होती है और अम्ल व क्षार के संयमित संयोग से शरीर में कब्ज की शिकायत नहीं होती ।
      3. पानी हमेशा शरीर के तापमान के अनुसार पीना चाहिये । न ज्यादा ठंडा और न ही बहुत ज्यादा गर्म क्योंकि ज्यादा ठंडा पानी पीने से पेट को अतिरिक्त कार्य करना पडता है और दिमाग, ह्रदय (Brain, Heart)जैसे महत्वपूर्ण अंगों की कार्यशीलता कम होने लगती है । दिमाग का रक्त गुरुत्वाकर्षण के कारण सबसे पहले कम होने लगता है जिससे आगे चलकर ब्रेन हेमरेज जैसी समस्या की गिरफ्त में हमारा शरीर आ सकता है ।
      4. ज्यादा ठंडा पानी पीने से पेट की बडी आंत सिकुड जाती है जिससे सभी रोगों की जनक कब्ज की शुरुआत होती है ।
      5. खाना खाने के कम से कम 30 मिनिट पहले और 45 मिनिट बाद तक पानी नहीं पीना चाहिये अन्यथा पाचन सम्ब्नधी समस्याएं होती हैं ।
      6. कोई भी फल अथवा मीठा खाने के तत्काल बाद पानी नहीं पीना चाहिये ।

    Monday, May 2, 2016

    Sharbat Jo Hai Super food


    रसीले ताजे शर्बत : सेहत के लिए गुणकारी



    शरीर में पानी की कमी को केवल पानी ही दूर कर सकता है। पर केवल पानी ही प्यास बुझाने के लिए काफी नहीं होता। शरीर में नमी अधिक देर तक बनी रहे इसके लिए कई प्राकृतिक विकल्प मौजूद हैं।

    लौकी का रस 
    लौकी का शीतलता प्रदान करने वाला चमत्कारिक पेय है। यूनानी चिकित्सा पद्धति में लौकी का रस गर्मियों के मौसम की मार से बचाने के लिए सबसे अधिक मरीजों को सुझाया जाता है। यह विटामिन सी और बी-6 का बहुत अच्छा स्रोत है। इसमें आवश्यक खनिज जैसे कैल्शियम, आयोडीन, मैग्नेशियम, फास्फोरस और पोटेशियम भी भरपूर होते हैं। सुबह खाली पेट एक गिलास लौकी का रस दिन भर के लिए शीतलता प्रदान करता है। इसमे एक चुटकी नमक डालने से शरीर में सोडियम की कमी नहीं होती। यह प्यास को शांत करता है तथा संतुष्टि देता है। पेट रोग तो इससे दुरुस्त होते ही हैं। 
     
    आम का पना 
    आने वाले मौसम में आम से पहले कैरियां आने लगती हैं। पोदीने के साथ इसे पीसकर पिया जाता है। लू लगने से बचने के लिए आम का पन्हा सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जाता है। इसमें विटामिन-सी, बी-1, बी-2, और नियासीन होते हैं। इससे नमक और लौह तत्वों की कमी नहीं होने पाती। हाजमा दुरुस्त रखने में भी आम का पन्हा बेजोड़ होता है। 
     
    गन्ने का रस 
    ग्लूकोज का यह सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है। एक गिलास गन्ने के रस से तत्काल ऊर्जा मिलती है। धूप और पसीने के कारण शरीर से निकल रहे खनिज लवणों की आपूर्ति भी इससे होती है। लौह तत्वों का बड़ा स्रोत माना जाता है। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तो इसे चिकित्सक की सलाह से लें।
     
    रूह अफ्जा 
    रूह अफ्जा यूनानी पद्धति से बनाया गया शरबत है जो भारतीय उपमहाद्वीप में प्यास बुझाने का आदर्श पेय माना जाता है। इसमें प्रयुक्त जड़ी बूटियाँ शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करती हैं। यह निर्जलन एवं लू लगने जैसी मुसीबतों से भी बचा लेता है। यह दस्त, पेटदर्द, बदहजमी आदि से भी निजात दिलाता है।
     
    नीबू शरबत 
    नींबू शरबत से शरीर को आवश्यक नमक और शक्कर के रूप में ऊर्जा मिल जाती है। विटामिन सी का तो इसे खजाना ही कहा जाता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली मजबूत हो जाती है। 
     
    पपीते का रस 
    पपीते का रस मांसाहारियों ओर कमजोर हाजमें वाले रोगियों के लिए मुफीद होता है। जिन मरीजों कों प्रोटीन पचाने के लिए आवश्यक एन्जाइम सप्लिमेंट्स चाहिए यह उनमें मदद करता है। गर्भवती महिलाओं को इसे नहीं पीना चाहिए।
     
    नारियल पानी 
    पानी वाला नारियल समूचे उत्तर भारत में मिलता है। इससे अधिक तेजी से तरोताजा करने वाला कोई ड्रिंक अब तक नहीं बना है। कच्चे हरे नारियल के एक गिलास पानी को सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक हैल्थ ड्रिंक माना जाता है। शरीर से विषैले पदार्थों को निकाल बाहर करने में यह बेजोड़ है। यह शरीर की पीएच वैल्यू भी कायम रखता है। इसे किसी भी बीमारी से ग्रस्त मरीज को दिया जा सकता है। 
     
    तरबूज का रस 
    तरबूज अरब मुल्कों से हिन्दुस्तान पहुंचा है। इसे प्यास बुझाने वाले महत्वपूर्ण शरबत में शामिल किया गया है। इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स भी खूब होते हैं जिससे सोडियम और पोटेशियम की कमी नहीं होने पाती। यह दोनों लवण पसीने के साथ शरीर से निकल जाते हैं।